poem 1 for maa

यह कविता मेरी माँ के नाम :
जिसके जीवन में माँ नहीं है , 
वो ही जनता है माँ होती है क्या 
कलम कोई चला नहीं सकता माँ के बारे में ,
माँ मतलब धुप में छाव , माँ मतलब मझधार  में नाव 
माँ मतलब छूटा हुआ गाव , माँ मतलब जीने का भाव 
माँ खिला दे अगर रुखी रोटी , तो जिंदा बच जाउगा 
माँ नहीं रही, तो मर ही जाउगा
कह नहीं सकता माँ के बारे में 
बोल नहीं सकता माँ के बारे में 
लिख नहीं सकता माँ के बारे में 
तो किया बताऊ आप को माँ के बारे में 
बस भी करो माँ माँ होती है 
अगर ठान ले माँ तो एक अच्छा पिता बन सकती है 
मगर कोई पिता कितना भी कुछ कर ले 
एक अच्छी माँ नहीं बन सकता - संपत शर्मा


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